नेतानार बांस नौका विहार (जगदलपुर)
नेतानार आज कल जगदलपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है और इनकी ख्याति दिनोदिन बढ़ रही है, नेतानार जगदलपुर शहर से लगभग 36 किलोमीटर की दूरी पर है यह कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण स्थल है अगर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखे तो यह भूमकाल विद्रोह 1910 के नायक गुंडाधुर की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है इस क्षेत्र की अपनी अलग ही खूबसूरती और अलग ही सौंदर्य है यह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है मुख्यतः इस क्षेत्र में धुर्वा जनजाति के लोग निवासरत है, यहां तक पहुचने के लिए वर्तमान में शासन द्वारा निर्मित पक्की सड़क बन चुकी है जरा सोचिए पुराने समय मे लोग किस प्रकार यंहा से यात्रा करते रहे होंगे व सूचनाओं की आदान प्रदान होती रही होंगी, इतने सुदूरवर्ती इलाके में भी दूरदर्शिता के धनी वीर गुंडाधुर ने अपने विकसित विचार का परिचय दिया है , अभी जब लोगों का शहरों से मोह भंग होते जा रहा है, दिनभर की रोजी मजदूरी ऑफिस में बॉस की डांट, घर मे परिवार में दुःख दर्द परेशानी, जीवन को जीने की जद्दोजहद, गाड़ी मोटर, प्रदूषण, तूतू मैं मैं ,जिलमपट्टी, EMI, कई प्रकार की व्यक्तिगत परेशानी से जीवन किस्तों में कटने लगती है तो क्यो न् हो इस भागदौड़ भरी दुनिया से मोह भंग जिसे लोग शिक्षित सभ्य आधुनिक युग कहते है (HIGH STENDARD EDUCATED CIVILIGETION) जब लोग इन सभी समस्या से छुटकारा पाना चाहते है तो ऐसे स्थानों पर जाना चाहते है जंहा सुकून हो शांति हो मनोरंजन हो जंहा चिड़िया की चहचाहट हो, जंहा सर्द हवाएं बहती हो, पेडो के पत्ते मानो हिलते हुए बुलाते हो, झरने की झरझर नदियों की कलकल हो ऐसे स्थानों पर लोग जाना चाहते, और उसी शांति आनंद की खोज में हम अनभिज्ञ भी इस अद्भुत दृश्यों का नैनो से आनंद लेने, यह जगह बहुत ही खूबसूरत है लोगों को यंहा अपने परिवारों के साथ जरूर आना चाहिए यंहा वीकएन्ड और छुट्टी के लिए बहुत ही बढ़िया स्थान है वर्तमान। में यह विकासशील है कई निर्माण कार्य हो रहे है और इसको इको फ्रेंडली पिकनिक स्पॉट बनाने की राह में है और यह जरूरी भी है इससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेंगी और यह क्षेत्र विकसित होगा, यंहा बांस नौका विहार का आंनद लेने आप भी जरूर पँहुचे