नमस्कार दोस्तो कैसे हो आशा करता हूँ मस्त होंगे और मौसम का मजा ले रहे होंगे पकौड़े तलने की बात बिल्कुल नही करूँगा क्योकि एक डॉक्टर मौसम की भविष्यवाणी कर अपने बीवी से पकौड़ा तलवाता था देखे आपने ध्यान भी नही दिया मैंने मौसम वैज्ञानिक के जगह डॉक्टर कहा खैर चलो ,,,,,,,भले ही कोरोना ने कमर तोड़ रखी हो फिर भी जैसे लॉक डाऊन खुला फिर घूमने या पिकनिक की कई योजनाएं बनी भी होंगी। हम लोग भी कांफी दिनों से घूमने जाने का प्लान बना बना के कागज की कश्ती पानी मे बहाए जा रहे थे संयोग से सभी दोस्तों का मन बना और हम लोग घूमने के लिए निकल पड़े (अम्चो बस्तर) अपना बस्तर भ्रमण में जी हां भाइयों और जा कंहा रहे है पथरीली सकरी उबड़ खाबड़ डिस्कवरी से भरी बिया बान जंगलों के बीच से होते हुए (ऐसे बोलना पड़ता है माहौल बनता है) एक जलप्रपात घूमने नाम बताऊँ ,,,,उत्सुकता तो देखो जनाब की ,,,,जैसे इंद्रावती की उफनती धारा हो ,,,, बता रहा हूँ ठहरो जरा नाम है "होनहेड जलप्रपात" अब ये मत बोलना नाम का क्या अचार डालूं i don't like this word नाम नही जाना कैसे है ये बता ये बाबू भैया मैं मार दूंगा ह बता रहा हूँ ,,,,रे श्याम सिंपल है
मेन रोड कांकेर से जगदलपुर वाले मार्ग से लगभग 3 किलोमीटर की दुरी पर एक गांव है ,,यह का नाम बटराली है। जो केशकाल से लगभग 3 किलोमीटर की दुरी पर बसा है। पश्चिम दिशा में गढ़ धनौरा के पास एक और पुरातात्विक स्थल है जिसे गोबरहिन या इसे गढ़ धनौरा का प्रर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है। जी हां सही पकड़े हो गोबरहिन से सीधा एक पक्की रास्ता गया है जो 15 किलोमीटर आगे जाने पर एक गाँव आता है जिसे लोग " होनहेड" कहते है गाँव के बीचों बीच एक एक तीर लगा है मतलब तीर का निशान (कुछ भी समझ लेते हो ) साइन बोर्ड होनहेड गाँव में पहुँचने के पश्चात राइट साइड (दायां साइड ) एक कच्ची रास्ता जाता है गाँव से लगभग 500 मीटर की दूरी पर ही यह जल प्रपात दृष्टिगोचर होता है । अब इसमें समझने वाली बात यह है कि कवि ने दृष्टिगोचर शब्द की प्रयोग क्योकि ,,,,अरे भाई चुप चाप जलप्रपात का मजा लो हम तो तोहार फिरकी लेवत रही
हमारा कुछेक फ़ोटो और वीडियो साभार प्रस्तुत है।
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फिर मिलेंगे नया जगह नया जानकारी के साथ
2 टिप्पणियाँ
बढ़िया जगह हे भाई
जवाब देंहटाएंहव जी
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