मेरा यात्रा 29 में आज आप लोगों को श्रध्दा का एक केंद्र भूतेश्वर नाथ शिवलिंग की दर्शन कराने ले चलता हूँ यह शिवलिंग को मैंने कई बार फोटो और कई सोशल साईट में देख चूका था पर वंहा जाने का उचित समय के आभाव के चलते नही जा पा रहा था पर इस वर्ष ऐसा कुछ संयोग बना की गरियाबंद जाने का अवसर मिला जिससे मेरे को भूतेश्वर महादेव शिवलिंग देखने का भी मौका मिला यह शिवलिंग इतना जल्दी जल्दी कैसे बढ़ रहा है यह वास्तव में आश्चर्य का विषय है और इन पर भू वैज्ञानिको का मत और शोध और राय जानना बेहद ही जरुरी है खैर बात जो भी हो पर यह हिन्दू लोगो का दार्शनिक स्थल बन गया है कहा जाता है की पहले आस पास कोई mandir वगेरा नही बना था शिवलिंग का पता लगने के साथ साथ आस पास के जगह में मंदिरों का निर्माण किया गया है और यंहा शिवरात्रि और नवरात्र के अवसरों में कांफी श्रद्धालूओ का भीड़ उमड़ती है तथा इसके दर्शन के लिए देश विदेश से भी लोग आने लगे है ऐसा वंहा के स्थानीय लोगो से पूछने पर पता लगा!
विश्व प्रसिद्ध विशालतम प्राकतिक अर्द्धनारीश्वर शिवलिंग इसे विश्व
प्रसिद्ध विशालतम प्राकृतिक अर्द्धनारीश्वर श्रीभूतेश्वरनाथ महादेव के
नाम से पुकारते है। यहां विश्वकल्याण निमग्र ब्रम्हाकार परम ।
आत्मा ही स्थित है। हिमालय सा शुभ्र शान्त प्रचण्ड तपस्वी
श्मशान सासुनसान वैराग्य ज्ञान संपन्न शिवरूप आत्मा निवास
करता है इनमें गंगा,चन्द्रमा, त्रिपुण्ड प्राकृतिकरूप मेस्पष्ट
दिखाई देते है। सन-1996 के मापॅ में 62 फीट और दिनांक-
2-मार्च सन-2006 को मापने पर ऊंचाई-70 फीट एवं घेरा
210 फीट है। यह असाधारण शिवलिंग जो कि पूर्णरूप से अर्थात
और प्रमाणिक है।सन्-1951 ई.के तीर्थाक विशेषीक कल्याण में
इसे विश्व के विशालतम शिवलिंग छत्तीसगढ़ मे मरौदा (गरियाबंद)
दर्शाया गया है। जो कि और भी प्रमाणित करता है। कि
इसके संपादक श्रीहनुमान प्रसाद पौद्यारजी हैं।
विनीत
भूतेश्वर नाथ समिति मरौद
(गरियाबंद)
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यहाँ कैसे पहुचे राजिम से गरियाबंद पहुचने पर एक चौक मिलेगा बस स्टेंड से सामने छत्तीसगढ़ वस्त्रभंडार दांया साइड उसी रोड से भूतेश्वर महादेव पंहुचा जा सकता है अगर आप मैनपुर से आ रहे है तो बस स्टेंड से पहले छत्तीसगढ़ वस्त्रभंडार बांया साइड मिलेगा उसी साइड लगभग 3.8 किलोमीटर में भुतेश्वर महादेव मंदिर मिल जायेगा आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसे लगा जरुर कमेंट करे और तब तक के लिए जय जोहार फिर नये जगह नये जानकारी के साथ मिलेंगे जय माँ दंतेश्वरी
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