दोस्तो ,
मैं आज आप लोगों को अपना छत्तीसगढ़ के राजधानी की एक सुन्दर सा जगह लेकर जा रहा हुं।
यहां हर साल कई हजार लोग पुरखौती मुक्तांगन घुमने आते है।
मैं यहां 2012 में नवम्बर के महिना में अपने 8—10 दोस्तो के साथ घुमने गया था।
और वहां खुब मौज मस्ती किये। लगभग 3 घंटा घुमें वही थोड़ा आराम किये।
फिर अपने रहने के स्थान में आ गयें।
पुरखौती मुक्तांगन 200 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हैं।
इसे हमारे छत्तीसगढ़ का दर्पण कहा जा सकता हैं !
क्योकि यहां हमारे छत्तीसगढ़ के विभिन्न संस्कृति को यहां दिखाने व उनसे अवगत कराने का अथक प्रयास किया गया है।
और यह प्रयास वास्तव मे बहुत ही सराहनीय है। यहां पर कई प्रकार के प्राकृतिक वस्तुओ से बनी कलाकृतियों को रखा गया हैं।
जैसे लकडी से बने हुए मुर्तिया एंव सीमेंट से बनी वस्तुएं एंव स्टील आदि से बनी कलाकृति को रखा गया है। वास्तव में यहां घुमने बहुत ही आंनन्द की अनुभूति होती है।
तथा आपको जब भी समय मिले पुरखौती मुक्तांगन एक बार जरूर घुमने जायें,मेरा विश्वास किजीए बहुत ही आंनन्द मिलेगा ,
यदि आप फैमली के साथ जाते है। तो और भी अच्छी बात है। यह न्यू रायपुर से लगा हुआ है। तथा यह रायपुर से कांकेर आने वाले मेनरोड से पुर्व दिशा में लगभग 3—4 किलोमीटर की दुरी में है।यहां से नया रायपुर बहुत ही पास पड़ता है।
5 भोरमदेव मंदिर का माडल
आपका अपना आर्यन चिराम तुमेश कुमार चिराम
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