खडका की झरना (छोटा झरना)
ऊपर वाला बड़ा झरना
नीचे वाला झरना
यह झरना कोंडागांव जिला के केशकाल ब्लाॅक के माडगांव से निकलती है। तथा कुयेमारी बंडरपाल के पास कांकेर जिला के अन्तागढ़ ब्लाॅक के राजपुर से लगभग 2 किलोमीटर दुर पुर्व दक्षिण दिशा मे स्थित है। वीडियो देखे तथा झरना लगभग 30 से 35 फीट ऊपर से नीचे गीरता है। यह मनोरम दृश्य प्राकृतिक के गोद में बसा है। यह चारों तरफ से जंगलो से घिरा हुआ है। तथा तथा इस झरने के आस पास आदिमानव द्वारा निर्मित शैलभित्ति चित्र भी है। यहां कृश्णा जन्माश्टमी के अवसर पर बहुत अधिक संख्या में प्राकृतिक प्रेमी प्राकृतिक आंनन्द लेने आतें है। व यहां कि प्राकृतिक मनोरम दृष्य का आनंन्द लेते हैै। झरना जिस चट्टान से गिरता है। उस चट्टान में एक गुफा है। जनश्रुती के अनुसार वह गुफा कई कोसो दुर किसी गांव में निकलती है। तथा इस गुफा में एक बार कोई घुसता है। वह बाहर नही निकलता , तथा इस गुफा से केवल एक आदमी ही गुफा में घुसकर वापस आया है। परन्तु वह भी पागल होकर यैसा किवंदती है। कि यहां जो भी मनोकामना मंगा जायें वह मनोकामना पुरा होता था। परन्तु वर्तमान कुछ उपद्रवी तत्वों के चलतें वहां की शक्ति कुछ कम हो गई है। एैसा वहां के आस पास के गांव वालों का कहना है। तथा एक मान्यता एैसा भी है। कि अगर आपका किस्मत हो तो वहां का पानी भी देखते देखते बढता है। एक अनुभवी ने अपना अनुभव कुछ इस प्रकार बताया:- जब हम पहली बार घुमने आये तो यह सुनकर आयें थे की यहां का पानी बढता है। करके तो हमने यहां आकर एक पत्थर से निशान बना दिये और नदी में नहानें लगे जब हम नहा के निकले तो वास्तव में पानी बढ चुका था।तथा वह पानी हम जो कपड़े रखे थें। वहां तक पहुंच चुका था अगर थोडा देर और नहाते तो हमारा पहनने का कपडा पुरा भिग जाता (श्री एस.आर तेता), इस झरना में देवी देवता है। यैसा आस पास के गांव वालों का मानना है। तथा उन सबका झरना की देवी देवता पर आस्था भी अटूट है। चाहे सच्चाई कुछ भी हो परन्तु वह एक बहुत ही सुन्दर पिकनिक स्पाट बन सकता है। अगर सरकार ध्यान में ले तो और वहां तक आने जाने का मार्ग बन जायें तों वह बहुत ही बढिया पिकनिक स्पाट बन सकता है। आप सभी एक बार इस झरना को जरूर देखने जायें शायद आपको और बहुत कुछ जानने को मिले या देखने को मिले तथा प्राकृतिक आनंन्द की अनुभूति हो,
कैसे पहुचें??
मुत्ते खडका कैसे पहुचे उसका नक्शा निचे है ??
यहां दो रास्तो से आप आ सकतें है। अगर नेषनल हाईवे से आना चाहते है। तो नेशनल हाईवे 43 में एक गांव बसा है। जिसका नाम बटराली है।जो केशकाल और धनोरा के मध्य में बसा है। उस गांव से पष्चिम दिशा में एक रास्ता कटा है। वहां से आप गोबरहिन गांव पहुंचने से पहले बायें हाथ वाले रास्ते से यहां झरना पहुंच सकतें है। यह झरना इस रास्ते से बहुत दुर पडता है। अगर आप आना चाहतें है। तो इस रास्ते से आ सकते है। परन्तु रास्ता बहुत ही खराब है।अगर आप धनोरा से अंन्दर उत्तर दिशा में एक रास्ता आता है। वह रास्ता आमाबेडा आता है। उस रास्ते से भी आ सकते है।
आमाबेडा से लगभग 8 किलोमीटर की दुरी पर पुर्व दिशा में राजपुर गांव बसा है। वहां गाडी रखकर लगभग 2ः50 किलोमीटर पैदल पुर्व दक्षिण दिशा में जाने पर यह झरना आपको मिल जायेंगा। अगर आप कांकेर से आना चाहें तो कांकेर मस्जिद चैक से मनकेशरी रास्ते से मलांजकुडुम होते हुए आप तुमसनार आ सकते है। और तुमसनार से पुर्व दक्षिण दिषा वाले रास्ते में लगभग 2 किलोमीटर की दुरी पर राजपुर गांव बसा है। वहां पहुंचकर पहले बताया गया रास्ते से पहुंच सकतें है।
बस आज के लिए बस इतना ही धन्यवाद
आपका अपना आर्यन चिराम
संलग्न चित्र निम्नलिखित है ??
निचे साइड का चित्र
नीचे से खीचा गया चित्र
पहला चित्र
बहुत ही सुन्दर चित्र
दूध सा सफ़ेद पानी का झरना
झरना के किनारे बनाया गया आदिकाल का शैल चित्र
मै और मेरे साथ गया राजेश वट्टी भैया
शैल चित्र के पास का १ शैल जिसे लोग आज भी देखने जाते है
निचे का झरना
मुख्य झरना के पास का बड़ा पत्थर पे बैठ कर लिया गया चित्र
धुप में १ पोज ऐसा भी पसीना आये पर हम तो pic लेंगे ही १ जिद ऐसा भी
मुख्य झरना के पास लिया गया सामूहिक फोटो
मुख्य झरना के पास लिया गया मेरा फोटो
1 टिप्पणियाँ
Jo haddi h o kon sa janvar ka h bhaiya
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