नमस्कार दोस्तों कैसे हो आशा करता हूँ अच्छा ही होंगे तभी तो हमारे साईट में विजिट किये हो खैर जैसे होंगे वैसे तो होवोगे ही तो चलो आज आप लोगों को ले चलते है जतमई जलप्रपात एक बात बोलू ,,,,,,,,,बोलू ,,,,,,बोल ही देता हूँ यंहा न जलप्रपात पहले से प्राकृतिक निर्मित था जिन्हें लोगों ने निजी स्वार्थ के लिए अपने तरीके से बनाना शुरू कर दिया और एक प्रकार का पूरा बिजनेस बना लिए ...........आपको बता दूँ जन्हा भी प्राकृतिक जगह है वंहा सभी धर्म सम्प्रदाय के लोग आते जाते है ,,,,क्या वाकई ऐसे स्थानों पर मंदिर बनाना सही रहता है जरुर बताये ,,,,,,,,इस स्थान को पर्यटक स्थल बनाने के लिए सरकार ने कांफी पैसे लगाये है मंदिर के लिए करोडो खर्च किया है साथ ही रोड बिजली पानी सुविधा मुहैया किया है साथ ही वर्तमान में कई लोगों का रोजी रोटी चल रहा है इस प्राकृतिक स्थल से कई फल फुल वाले होटल वाले साथ ही पंडितो की साथ ही पार्किंग वालो की रोजी रोटी जुडी हुई है अगर आप देवी देवता में विशवास रखते हो तो आ सकते है जतमई घुमने हम तो झरना देखने आये थे दुःख इस बात का हुआ की यंहा जगह जगह पोलीथिन बिखरा पड़ा था लोग मंदिर देखने आते है या झरना देखने आते है अपने साथ साथ पुरे वातावरण को भी प्रदूषित करते है आस पास इतने कचरा था साथ ही चावलों की बर्बादी देख दुःख हुआ पर्यटन विभाग को कचरा करने वालो पर दंड लगाना चाहिए अथवा सफाई करवानी चाहिए यंहा कैसे पहुचा जाए अगर आप यंहा आना चाहते है तो राजिम गरियाबंद छुरा फिंगेश्वर और जाने कितने रास्तो से पहुँच सकते है पर अगर गरियाबंद से आयेंगे तो आपको 3 रास्ता मिलेगा जिसमे सबसे शार्टकट पड़ेगा गरियाबंद से कोचवाय होते हुए जतमई वाला अगर आप आना चाहते है तो गूगल मैप की मदद लेंगे तो कई शार्टकट रास्ता आपको मिल जायेगा इसलिए मै रास्ता नही बता रहा हूँ क्योकि गूगल बाबा है न अपने रास्ता बताने वाला आपको यह स्थान कैसे लगा जरुर बताये साथ ही लाइक शेयर जरुर कीजिये
आपका अपना आर्यन चिराम
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