मेरा यात्रा भाग—9 आकाश नगर बचेली की सैर
नमस्कार दोस्तो आज आप लोगो को आकाश नगर बचेली लेकर आया हुं। जहां का लौह विश्व में उत्तम कवालिटी के लिए जाना जाता है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ को विश्व के नक्शे पर खोजा व पहचाना जाता है।
क्योकि यहां का लौह अन्य देशो के लौह से अधिक उत्तम कवालिटी का है। यह बस्तर का एक व्यवसायिक नगरी है। जिसे लौह की नगरी भी कहा जाता है। तथा साथ ही साथ यह एक प्रमुख प्रर्यटन स्थल भी है। इसे आकाश नगर के नाम से जाना जाता है। विश्वकर्मा जयंती के दिन आम जनता को आकाश नगर में भ्रमण करने की छुट दी जाती है। लौह के इस खदान में प्रवेश केवल साल में एक बार ही दिया जाता है। साथ ही साथ सुरक्षा इन्तजाम पुखता रूप से किया गया होता है।
सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही नही बरती जाती,इस दिन आम जन इस लौह खदान में चारो तरफ घुम कर देख सकते है। कि किस प्रकार से लौह के कच्चे माल को किस प्रकार एक लौह का रूप दिया जाता है। तथा उन्हे किन किन स्तरो से गुजरना पड़ता है। इसकी जानकारी ले सकता है। तथा अपना समान्य ज्ञान बढा सकता है।
आकाश नगर जैसा की नाम से स्पष्ट है। आकाशो के नगर हां आपने सही सुना जैसा नाम वैसा काम आप जब आकाश नगर में पहुंचेंगे तो आपको एैसा लगेगा जैसा स्वर्ग में आ गयें है। क्या जैसा की भगवान वाले फिल्म के सीन में धुआं पैरो के नीचें रहता है। न ठीक उसी प्रकार आकाश नगर में भी रहता है। फर्क सिर्फ इतना है। कि फिल्म में बनाया हुआ रहता है। और आकाश नगर में प्रकृति निर्मित रहता है।
वहां का वातावरण बहुत ही सर्द रहता है। हवा के नम नम झोंके मन को आनंन्द से आनंदित करता है। मानों कोई हमारें गालो के चुम रहा हों तथा सर्द हवा के झोकें से शरीर को और अधिक रोमांचित करता है। अगर कोई कवि वहां जायेगा तो बस यही कहेगा
,,कमाल है डैडी जहां वाले ने क्या खुब बनाया जादु से,,
अगर कोई शायर वहां जायेगा तो बस यही कहेगा।।
मै तो नदान पंछी भटकता रहा, आनंन्द की तलाश में।
स्वाति की बुंद की चाह थी, और मै भटकता रहा बरसात में।।
घोडे को खिलाया खिवईया, पर उसका जी लगा था घास में।
आनंन्द छुपा था बस्तर के साल वृक्षो के छायों मे,
और मै ढुंढता रहा दुनिया के प्रकाश में।।आर्यन चिराम
कहने का आशय बहुत ही सीधा है। यह वह दृश्य विदयमान है। जिसे देखते नैन न तो हर्षित होना बंद करती है। और न थकती है।कहने का मतलब साफ है। अगर 1 बार चले गये तो 1 बार और आने का मन करता है। आप लोगो को आकाश नगर में लिया गया हमारें दोस्तो औैर मेंरा फोटो शेयर करता हुं। ताकि आप भी कभी जायें घुमने तो फोटो खिचनें के लिए 1 कैमरा जरूर लेकर जायें। साल में 1 बार प्रवेश की अनुमति दी जाती है। तो आप भी कभी आकाश नगर घुमने का मन करें तो जरूर जाईये जय मां दन्तेश्वरी दोस्तो फिर मिलेंगे नयें जगह नयें दोस्तो के साथ बस मैं पुराना रहुंगा याद रखना नाम है। युअर राजू गाईड मिन्स
आपका अपना
आर्यन चिराम
संलग्न चित्र
3.फोटो लेते समय कोई अन्य व्यक्ति का कमाल का फोटो आया है। डरावना
4.लौह अयस्क और मशिने
5.आकाश नगर का फोटो
6.प्रसाद ग्रहण करते समय का फोटो
7.मेरे अन्य फोटो
0 टिप्पणियाँ