कंकालिन मंदिर
में मै आपको लेकर जा रहा हुं। उस स्थान के बारे में सायद आप कही पढें या सुने न हो।
उस स्थान का नाम है। कंकालिन आज आप लोगो को लेकर जा रहा हुंं।
कंकालिन चारामा और धमतरी रोड से 2.50 किलोमीटर अन्दर घने जंगलो के मध्य एक छोटा सा गांव है। जहां मां कंकाली का मंदिर है। यह कंकाली मंदिर अपने आप में बहुत ही अदभुत है। यह कंकालिन माता मंदिर तीनों जीलों के बावडर में बसा है। बालोद ,धमतरी और कांकेर ,माता कंकालिन के इस मंदिर को शक्ति पीठ के रूप में बहुत ही ख्याति प्राप्त हो चुका है।
यह मंदिर चारामा से जाने पर बाया हाथ तरफ पडता है। जैसे ही आप घाटी चढेगें बायां हाथ तरफ एक कच्ची सड़क दिखेगा वही सड़क आपको कंकाली मंदिर लेकर जायेगा,तथा अगर आप धमतरी से आ रहे है।
तो दायां तरफ होगा तथा घाटी से पहले कच्ची सड़क आपको माता कंकालिन के मंदिर तक लेकर जायेगा। यहां कंकाली मंदिर में मां कंकाली की मुर्ति स्थापित किया गया है। साथ ही साथ बाबा राजाराव देव
कंकालिन चारामा और धमतरी रोड से 2.50 किलोमीटर अन्दर घने जंगलो के मध्य एक छोटा सा गांव है। जहां मां कंकाली का मंदिर है। यह कंकाली मंदिर अपने आप में बहुत ही अदभुत है। यह कंकालिन माता मंदिर तीनों जीलों के बावडर में बसा है। बालोद ,धमतरी और कांकेर ,माता कंकालिन के इस मंदिर को शक्ति पीठ के रूप में बहुत ही ख्याति प्राप्त हो चुका है।
यह मंदिर चारामा से जाने पर बाया हाथ तरफ पडता है। जैसे ही आप घाटी चढेगें बायां हाथ तरफ एक कच्ची सड़क दिखेगा वही सड़क आपको कंकाली मंदिर लेकर जायेगा,तथा अगर आप धमतरी से आ रहे है।
तो दायां तरफ होगा तथा घाटी से पहले कच्ची सड़क आपको माता कंकालिन के मंदिर तक लेकर जायेगा। यहां कंकाली मंदिर में मां कंकाली की मुर्ति स्थापित किया गया है। साथ ही साथ बाबा राजाराव देव
व हाथी घोडे व अन्य देवी—देवताओं का मुर्ति आपको दिखाई पडेगा।
यहां नवरात्र व शिवरात्र व अन्य त्योहार के अवसरों में काफी संख्या में यहां श्रृध्दालू गण आतें है। तथा माता के दर्शन कर अपने आपको धन्य करते है।
हम 4 लोग माता कंकालिन के दर्शन हेतु कांकेर से करीब 10 बजे निकले व माता कंकालिन मंदिर करीब 2 बजे पहुंचे जब पहुंचे काफी भीड़ बड़ चुका था कुछ समय भ्रमण किये माता का दर्शन किये उसके बाद हम अगली यात्रा के लिए निकल पड़ें। यह जंगलो के मध्य बसा बहूत ही सुन्दर गांव है। जहां मां कंकालिन का मंदिर स्थापित किया गया है।
अगर आप माता कंकालिन पर श्रृध्दा रखते है।
अगर आप माता कंकालिन पर श्रृध्दा रखते है।
तो एक बार जरूर जायें कंकालिन मंदिर आपका यात्रा मंगलमय हो इसी भावनाओं के साथ हमें दिजीए बिदाई फिर मिलेगें नया यात्रा और नयी जानकारी और नया स्थान के साथ जब तक के लिए
जय जोहार जय मां कंकालिन
आपका अपना
आर्यन चिराम
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