नमस्कार दोस्तों आज मैं जंहा आपको ले जाने वाला हूँ , उस जगह का नाम है मॉडमसिल्ली जी हां, भाइयो आप अपने परिवार या दोस्तों या स्टॉप या फिर किसी के साथ पिकनिक जाना चाहते हो तो मॉडम सिल्ली एक बहुत हि अच्छा विकल्प है । यह धमतरी जिला के नगरी ब्लॉक के अन्तर्गत मुरुमसिल्ली गाँव में बना है।यह प्राकृतिक मनोरम दृश्य है। यहाँ प्राकृतिक प्रेमी रोज मनोरम दृश्य का आनंद लेने आते है।।यह बांध अंग्रेजो ने 9 सालो में पूर्ण किये यहां जो सैफन्स मशीन लगा है। ओ पानी का स्तर बढ़ने से ऑटोमैटिक खुल जाता है। अगर आप भी प्राकृतिक प्रेमी है तो 1 बार जरूर मॉडमसिल्ली देखने जाये, कुछ विद्वानों का कहना है कि मॉडम सिल्ली का नाम "मैडम सिली" से मॉडम सिल्ली हुआ।। कोई मैडम सिली थी जिसके नाम से बांध का नाम रखा गया था धीरे धीरे इसका नाम मॉडम सिल्ली हुआ।। इस साइट में फोटो अटेच है वह फनेश नायक द्वारा लिया गया है।
मुरुमसिल्ली/मॉडमसिल्ली छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले में स्थित है। इस बांध का निर्माण सिलियरी नदी पर किया गया है। यह एशिया का पहला सायफन सिस्टम बांध है। इसका निर्माण 1914 ई. में सुरु हुआ और 1923 ई. में पूर्ण हुआ था। यह एक रिजर्व बांध है, यहां का पानी हर साल गर्मी के मौसम में छत्तीसगढ़ के ही गंगरेल बांध लाया जाता है।
केंद्रीय प्रांत के अभियंता आर एस राजेंद्रनाथ सुर को ३ जून 1921ई. में उनके मुरुमसिल्ली बांध पर अनुकरणीय कार्यों के लिए "राय साहब" के उपाधि के साथ ब्रिटेन के महामहिम द्वारा सम्मानित किया गया।
प्रेषक:-आर्यन चिराम
कैसे पंहुचे ;- कांकेर रोड से जाना चाहे तो नरहरपुर जाना होगा/ नरहरपुर कांकेर से 30 किलोमीटर की दुरी में है और मॉडमसिल्ली नरहर पुर से १० किलोमीटर की दुरी में है / नरहर पुर पहुचने पर धमतरी रोड तरफ जाना पड़ता है/ अगर सरोना से जाना चाहे तो सरोना से मैडम सिल्ली ३४ किलोमीटर की दुरी में है//धमतरी से आना चाहो तो नगरी रोड में पड़ता है/
आर्यन चिराम
मुरुमसिल्ली/मॉडमसिल्ली छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले में स्थित है। इस बांध का निर्माण सिलियरी नदी पर किया गया है। यह एशिया का पहला सायफन सिस्टम बांध है। इसका निर्माण 1914 ई. में सुरु हुआ और 1923 ई. में पूर्ण हुआ था। यह एक रिजर्व बांध है, यहां का पानी हर साल गर्मी के मौसम में छत्तीसगढ़ के ही गंगरेल बांध लाया जाता है।
केंद्रीय प्रांत के अभियंता आर एस राजेंद्रनाथ सुर को ३ जून 1921ई. में उनके मुरुमसिल्ली बांध पर अनुकरणीय कार्यों के लिए "राय साहब" के उपाधि के साथ ब्रिटेन के महामहिम द्वारा सम्मानित किया गया।
प्रेषक:-आर्यन चिराम
कैसे पंहुचे ;- कांकेर रोड से जाना चाहे तो नरहरपुर जाना होगा/ नरहरपुर कांकेर से 30 किलोमीटर की दुरी में है और मॉडमसिल्ली नरहर पुर से १० किलोमीटर की दुरी में है / नरहर पुर पहुचने पर धमतरी रोड तरफ जाना पड़ता है/ अगर सरोना से जाना चाहे तो सरोना से मैडम सिल्ली ३४ किलोमीटर की दुरी में है//धमतरी से आना चाहो तो नगरी रोड में पड़ता है/
आर्यन चिराम
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